Wednesday, April 7, 2010

धिक्कार है चिदंबरम, मनमोहन और सोनिया को.

चीन योजनाबद्ध तरीके से जिन इलाको में नक्सलवाद फैला रहा है वो इस देश के स्टील उत्पादन के लिए शत प्रतिशत कच्चा माल और कुल तेल उत्पादन का 70% हिस्सा उपलब्ध करता है जबकि स्टील उत्पादन को लेकर विश्व बाज़ार में भारत और चीन में कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है. जनता के खून को बहने से बचाने के लिए देश के जवानों ने अपना खून बहाया है ना कि देश के कायर नेतृत्व से श्रृद्धांजलि लेने के लिए. देश की निकम्मी सरकार जवानों की लाशें देखकर भी समीक्षा का ही नाटक कर रही है जबकि ये भारत की अस्मिता पर हमला है. कंहा खो गए शेर बनने वाले राहुल गाँधी? एक रात किसी आदिवासी के घर रहकर दिखाए तो सही. सोनिया अम्मा पाषाण प्रतिमा बन गयी है, चेले शक्कर खा रहे हैं और जनता या तो गोली से मर रही या भूख से. कायर नेताओं को लगता है क़ि उनके सुरक्षित और जिन्दा बचे रहने का अर्थ यही है कि अभी नक्सली और आतंकी सफल नहीं हुए है. केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिंदबरम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के बावजूद नक्सलियों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। धिक्कार है चिदंबरम, मनमोहन और सोनिया को.

3 comments:

  1. achchhaa likhaa hain aapne.
    vichaarniye.
    thanks.
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  2. bahut kaafi lambe samay se (lagbhag ek saal se) aapke blog par aataa raha hoon, lekin aap kuch likhte hi nahi thae.
    aap ne ab likhaa bahut achchhaa lagaa, kripyaa likhte rahiyegaa,
    mujhe aapke blog kaa address kirti rana ji ki profile se milaa tha.

    thanks.
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  3. जनता की कौन सुध लेता हैबस कुर्सी सलामत रहनी चाहिए...

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